MORAL STORY IN HINDI व्यापारी की चार पत्नी - Indian heroes

Post Top Ad

Sunday, 5 November 2017

MORAL STORY IN HINDI व्यापारी की चार पत्नी


दोस्तों आज हम आपके साथ एक moral story शेयर करने जा रहे है. इस moral story के पीछे एक बहुत बड़ा सबक छुपा है जो आपको अपनी अंतरात्मा में झाँकने के लिए प्रेरित करेगा.

शहर मे एक अमीर व्यापारी अपनी चार पत्नीयो के साथ रहता था. वह अपनी चौथी पत्नी को अपनी बाकी पत्नियों से ज्यादा प्यार करता था. वह उसे खुबसूरत कपड़े खरीद के देता और स्वादिष्ट मिठाईया खिलाता. वह उसकी बहुत देखभाल करता था. वह अपनी तीसरी पत्नी से भी बहुत प्यार करता था. उसे उस पर बहुत गर्व भी था लेकिन वह उसे अपने मित्रो से दूर रखता क्योकि उसे डर था की वो उसको छोड़ कर किसी दुसरे आदमी के साथ भाग ना जाए. वह अपनी दूसरी पत्नी को भी प्यार करता था. दूसरी पत्नी उसकी बहुत देखभाल करती थी और व्यापारी उसपर काफी भरोसा करता था. जब भी व्यापारी को कोई परेशानी होती तो वह अपनी दूसरी पत्नी के पास ही जाता था और वो व्यापारी की हमेशा मदद करती थी और उसे बुरे समय से बचाती थी. व्यापारी की पहली पत्नी बहुत वफादार साथी थी. वह घर का देखभाल करती थी. पहली पत्नी ने व्यापारी की धन-दौलत और व्यापार को बनाये रखने मे बहुत अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन व्यापारी अपनी पहली पत्नी को प्यार नहीं करता था, ना तो देखता और ना ही उसकी देखभाल करता था. लेकिन पहली पत्नी व्यापारी को बहुत प्यार करती थी.

एक दिन व्यापारी बीमार पड़ गया. उसकी बीमारी लम्बे समय तक चलती गयी और व्यापारी को लगा की वह जल्द ही मरने वाला है. उसने अपने शानदार जीवन के बारे में सोचा और खुद से कहा की अभी मेरी चार पत्निया है लेकिन मरूँगा अकेला ही. कितना अकेला हूँ मै. तब उसने अपनी चौथी पत्नी को बुलाया और पूछा की मै तुमसे सबसे ज्यादा प्यार करता हूँ, महंगे कपडे और स्वादिष्ट मिठाईया खरीद के देता हूँ, अब जब मै मरने वाला हूँ तो क्या तुम मेरा साथ दोगी और मेरे साथ चलोगी. पत्नी ने कहा बिलकुल नहीं, उसने आगे कुछ नहीं कहा और वहा से चली गयी. चौथी पत्नी का ये जवाब व्यापारी के मन पे चाकू की तरह चल गया और वह उदास हो गया. अब व्यापारी ने अपनी तीसरी पत्नी को बुलाया और कहा मैंने जिन्दगी भर तुम्हे बहुत प्यार किया. अब जब मै मरने वाला हूँ तो क्या तुम मेरा साथ दोगी और मेरे साथ चलोगी. तीसरी पत्नी ने जवाब दिया नहीं और कहा की यहाँ जिन्दगी बहुत अच्छी है, मै तुम्हारे मरने के बाद मै किसी ओर के साथ शादी कर लुंगी. व्यापारी का दिल डूब गया. तब उसने दूसरी पत्नी को बुलाया और कहा की जब भी मै किसी परेशानी में होता हूँ तो तुम्हे याद करता हूँ और तुम हमेशा मेरी मदद करती हो. अब मुझे दोबारा तुम्हारी मदद की जरुरत है. जब मै मर जाऊंगा तो क्या तुम मेरा साथ दोगी ओर मेरे साथ चलोगी. तीसरी पत्नी ने जवाब दिया मुझे माफ़ करना. इस बार मै तुम्हारी मदद नहीं कर सकती. हाँ कब्र में तुम्हे दफ़नाने तक तुम्हारा साथ जरुर दे सकती हूँ. इस उत्तर से तो जैसे व्यापारी पर बादल ही फट पड़ा. तब एक आवाज आई “मै तुम्हारा साथ दूंगी और तुम्हारे साथ चलूंगी जहाँ तुम जाओगे” व्यापारी ने देखा ये पहली पत्नी की आवाज थी. वो काफी दुबली पतली थी जैसे की कुपोषण से पीड़ित हो. व्यापारी ने कहा “मुझे तुम्हारी बहुत देखभाल करनी चाहिए थी जितनी मै कर सकता था”.

TEACHING FROM THIS MORAL STORY
दरअसल, हम सबकी जीवन में चार पत्निया होती है. चौथी पत्नी हमारा शरीर होता है, हम इसे जितना खिला ले, इसे सुन्दर बनाने में जितनी कोशिश कर ले, जितना समय लगा ले लेकिन मृत्यु प्राप्त होने पर ये शरीर हमें छोड़ देगा. तीसरी पत्नी है हमारी संपत्ति, जब हम मर जायेंगे तो ये दुसरे के पास चली जायेगी. हमारी दूसरी पत्नी होती है परिवार और मित्र. चाहे ये हमारे कितने भी करीब क्यों ना हो, कितना ही प्यार क्यों ना करते हो लेकिन ज्यादा से ज्यादा वो हमारी कब्र तक या हमे जलाने तक ही हमारे साथ रह सकते है. हमारी पहली पत्नी है हमारी आत्मा, सांसारिक खुशियों के लिए जिसकी हम उपेक्षा कर देते है. केवल यही वह चीज है जो हमारा साथ देगी और जहाँ जहाँ हम जायेंगे हमारे साथ साथ जाएगी, इसलिए हमें अभी से इसके साथ अपने संबंधो को विकसित और मजबूत करना चाहिए और इसकी देखभाल करनी चाहिए, इसे शुद्ध करना चाहिए.

No comments:

Post Top Ad

Your Ad Spot