बुद्ध का सन्देश
नमस्कार मित्रों ! भारत भूमि विभिन्न धर्म – संस्कृति का देश कहलाता है …हम यहाँ भगवान बुद्ध एवं उनके आम जन को दिए गए संदेशो के विषय में .जानने का प्रयास करेंगे !
कपिलवस्तु में जयसेन नाम का एक शाक्य रहता था ! सिंहहनु उसका पुत्र था ! सिंहहनु का विवाह कच्चाना से हुआ था ,उसके पाँच पुत्र थे ! शुद्धोधन ,धौतोधन ,शु क्लोदन ,शाक्योदन ,तथ ा अमितोदन ! पाँच पुत्रों के अतिरिक्त सिंहहनु की दो लड़किया थी – अमिता तथा प्रमिता ! परिवार का गोत्र आदित्य था ! शुद्धोधन का विवाह महामाया से हुआ था !
आज से लगभग पूर्व २५०० वर्ष पूर्व नेपाल की तराई में ५६३ ईस्वी वैशाख पूर्णिमा के दिन कपिलवस्तु (ऐसे संकेत मिलते है कि इस नगर का नाम महान बुद्धिवादी मुनि कपिल के नाम पर पड़ा है ) के लुम्बिनी नामक वन मे शाक्य कुल में राजा शुद्धोदन के यहाँ महामाया की कोख से एक बालक का जन्म हुआ !जन्म के पांचवे दिन नामकरण संस्कार किया गया ! बालक का नाम सिद्धार्थ रखा गया !उसका गोत्र गौतम था !इसीलिए वह जनसाधारण में सिद्धार्थ गौतम के नाम से प्रसिद्द हुआ ! सिद्धार्थ के जन्म के सातवे दिन ही उनकी माता का देहांत हो गया !अतः प्रजापति गौतमी ने उनका पालन पोषण किया ! सिद्धार्थ का एक छोटा भाई भी था , उसका नाम नन्द था ! वह शुद्धोदन का महाप्रजापति से उत्पन्न पुत्र था !उसके चाचा की भी कई संताने थी ! महानाम तथा अनुरुद्ध शुक्लोदन के पुत्र थे तथा आनंद अमितोदन का पुत्र था देवदत्त उसकी बुआ अमिता का पुत्र था ! महानाम सिद्धार्थ की अपेक्षा बड़ा था आनंद छोटा !
बुद्ध धर्म के बारे में आम भारतीय बहुत कम या नहीं के बराबर ही जानता है ! या फिर जो विद्यार्थी मिडिल स्कूल , हाई स्कूल , या कॉलेज में इतिहास पढ़ते
, उन्हें एक सामान्य जानकारी के रूप में बुद्ध धर्म के सिद्धांतों के बारे में जानकारी हो जाती है ! हममे से अधिकाँश लोग ये जानते है कि बुद्ध ने ईश्वर , आत्मा ,
परमात्मा आदि को नकार दिया है ! इसलिए कई लोग इसे नास्तिको का धर्म भी कह देते है ! तो क्या हम ये समझ ले की एक ऐसा धर्म जिसकी मातृभूमि भारत देश रहा हो ! जो इस भारत भूमी में पला बड़ा हो , जो महान सम्राट अशोक , कनिष्क ,
हर्षवर्धन के समय में अपने चरमोत्कर्ष पे रहा हो और विश्व के कई देशो में जिसके मानने वाले आज भी हो , उनकी प्रासंगिकता आज एकदम से ही समाप्त हो गई ?
नमस्कार मित्रों ! भारत भूमि विभिन्न धर्म – संस्कृति का देश कहलाता है …हम यहाँ भगवान बुद्ध एवं उनके आम जन को दिए गए संदेशो के विषय में .जानने का प्रयास करेंगे !
कपिलवस्तु में जयसेन नाम का एक शाक्य रहता था ! सिंहहनु उसका पुत्र था ! सिंहहनु का विवाह कच्चाना से हुआ था ,उसके पाँच पुत्र थे ! शुद्धोधन ,धौतोधन ,शु क्लोदन ,शाक्योदन ,तथ ा अमितोदन ! पाँच पुत्रों के अतिरिक्त सिंहहनु की दो लड़किया थी – अमिता तथा प्रमिता ! परिवार का गोत्र आदित्य था ! शुद्धोधन का विवाह महामाया से हुआ था !
आज से लगभग पूर्व २५०० वर्ष पूर्व नेपाल की तराई में ५६३ ईस्वी वैशाख पूर्णिमा के दिन कपिलवस्तु (ऐसे संकेत मिलते है कि इस नगर का नाम महान बुद्धिवादी मुनि कपिल के नाम पर पड़ा है ) के लुम्बिनी नामक वन मे शाक्य कुल में राजा शुद्धोदन के यहाँ महामाया की कोख से एक बालक का जन्म हुआ !जन्म के पांचवे दिन नामकरण संस्कार किया गया ! बालक का नाम सिद्धार्थ रखा गया !उसका गोत्र गौतम था !इसीलिए वह जनसाधारण में सिद्धार्थ गौतम के नाम से प्रसिद्द हुआ ! सिद्धार्थ के जन्म के सातवे दिन ही उनकी माता का देहांत हो गया !अतः प्रजापति गौतमी ने उनका पालन पोषण किया ! सिद्धार्थ का एक छोटा भाई भी था , उसका नाम नन्द था ! वह शुद्धोदन का महाप्रजापति से उत्पन्न पुत्र था !उसके चाचा की भी कई संताने थी ! महानाम तथा अनुरुद्ध शुक्लोदन के पुत्र थे तथा आनंद अमितोदन का पुत्र था देवदत्त उसकी बुआ अमिता का पुत्र था ! महानाम सिद्धार्थ की अपेक्षा बड़ा था आनंद छोटा !
बुद्ध धर्म के बारे में आम भारतीय बहुत कम या नहीं के बराबर ही जानता है ! या फिर जो विद्यार्थी मिडिल स्कूल , हाई स्कूल , या कॉलेज में इतिहास पढ़ते
, उन्हें एक सामान्य जानकारी के रूप में बुद्ध धर्म के सिद्धांतों के बारे में जानकारी हो जाती है ! हममे से अधिकाँश लोग ये जानते है कि बुद्ध ने ईश्वर , आत्मा ,
परमात्मा आदि को नकार दिया है ! इसलिए कई लोग इसे नास्तिको का धर्म भी कह देते है ! तो क्या हम ये समझ ले की एक ऐसा धर्म जिसकी मातृभूमि भारत देश रहा हो ! जो इस भारत भूमी में पला बड़ा हो , जो महान सम्राट अशोक , कनिष्क ,
हर्षवर्धन के समय में अपने चरमोत्कर्ष पे रहा हो और विश्व के कई देशो में जिसके मानने वाले आज भी हो , उनकी प्रासंगिकता आज एकदम से ही समाप्त हो गई ?
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