21 Tulsi Ke Fayde in Hindi तुलसी के फायदे और उपयोग plant herb leaves faide - Indian heroes

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Sunday, 12 November 2017

21 Tulsi Ke Fayde in Hindi तुलसी के फायदे और उपयोग plant herb leaves faide




तुलसी का पौधा भारत के लगभग हर घर में पाया जाता है. हम इसे पवित्र मानते हैं और इसकी पूजा भी करते हैं.
यह केवल हमारी आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि तुलसी के पौधे में कई औषधीय गुण भी मौजूद हैं. आयुर्वेद में
भी तुलसी के कई उपयोग बताए गए हैं. तुलसी के पौधे के कई उपयोग हैं और इसके फायदे हैं. जिससे हमें कई
रोगों में लड़ने में सहायता मिलती है. और यह हमें डॉक्टर के पास जाने से बचाता है. सबसे बड़ी बात यह है कि
तुलसी का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है और इसका उपयोग किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है. तो आइए
जानते हैं कि तुलसी के क्या-क्या फायदे हैं और इसका उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है.

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तुलसी के बीज को चूर्ण बनाकर दही के साथ खाने से खूनी बवासीर खत्म हो जाता है.
और तुलसी पत्ता मिला हुआ पानी पीने से कई बीमारियाँ ठीक हो जाती है और कई बीमारियाँ हमसे दूर रहती है.

मधु ( शहद ) में तुलसी की पत्तों का रस मिलाकर चाटने से चक्कर आना बंद हो जाता है.

तुलसी के कुछ पत्तों को सरसों तेल में भून लीजिए और फिर इसमें लहसुन का रस मिलाकर कान में डाल दीजिए.
इससे कान के दर्द में आराम मिलेगा.

अगर आपको आँखों में जलन की समस्या है, तो आपको हर रात में काली तुलसी का अर्क 2 बूंद आँखों में डालना चाहिए.

आपको अक्सर सिर दर्द की समस्या रहती है, तो दवा खाने से बेहतर है कि आप तुलसी का काढ़ा पिएँ.

अगर आपके साँसों से दुर्गन्ध आती है, तो तुलसी की कुछ सूखी पत्तियों को सरसों तेल में मिलाकर मुँह
धोने से आपकी समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी. यह उपाय पायरिया में भी उपयोगी है.

दाद, खुजली या त्वचा की इन्फेक्शन में तुलसी के अर्क को उस स्थान पर लगाने से फायदा पहुँचता है.

अगर आपके मुँह में संक्रमण हो गया हो, तो आपको हर दिन तुलसी के कुछ पत्ते चबाकर खाने चाहिए.

दिन में दो बार 10-12 तुलसी के पत्ते खाने से तनाव परेशान नहीं करता है.

जिन लोगों को दिल की बीमारी हो, उन्हें भी तुलसी पत्ते का नियमित सेवन करना चाहिए.

जिसके गुर्दे में पथरी हो गई हो, उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का लगातार सेवन करना चाहिए.
छः महीने में असर दिखना शुरू हो जायेगा.

शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में लाभदायक है.

नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों को मिलाकर बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा में राहत देता है.   

तुलसी का अर्क पीने से बुखार कम होता है.
जिन्हें ठंड जल्दी लग जाती हो, उन्हें तुलसी की 10-12 पत्तियों को एक कप दूध में उबालकर पीना चाहिए.
सर्दी-जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियों को चाय में उबालकर पीना चाहिए.

तुलसी की पत्तियों को थोड़ी-थोड़ी देर में अदरक के साथ चबाने से खांसी-जुकाम से राहत मिलती है.
2 कप पानी में 1 चम्मच तुलसी की पत्तियों का पाउडर और एक चम्मच इलायची पाउडर मिलाकर उबालें
और काढा बना लें.
एक दिन में 2-3 बार यह काढा पिएँ. आप इसमें दूध और चीनी भी मिला सकते हैं.

दस्त या गैस की समस्या होने पर 1 ग्लास पानी में 10-15 तुलसी की पत्तियाँ डालकर काढा बना लीजिए.
फिर इसमें चुटकी भर सेंधा नमक डालकर पीजिए.

एक चम्मच तुलसी की पिसी हुई पत्तियों को पानी के साथ मिलाकर इसका पेस्ट नाभि के आस-पास लगाने से आराम मिलता है.

जिन्हें लीवर में समस्या हो, उन्हें तुलसी की 10-12 पत्तियों को गर्म पानी से धोकर रोज सुबह खाना चाहिए.

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