बाबा साहब ने सत्य कहा है ‘वही कौम तरक्की करती है जिस कौम में क़ुरबानी देने और लेने वाले लोग होते हैं’| इसका जीवंत उदाहरण
बहुजन की भलाई के लिए भगवान बुद्धा का राजपाठ की क़ुरबानी|सम्राट अशोक ने धम्म विरोधियों की क़ुरबानी ली तब जाकर भारत की शुशाशन दिया स्वव बाबा साहब चाहते तो बहुत ऊँचे पद लेकर अपना जीवन शांति से बिता सकते थे पर उन्होंने सारा निजी जीवन समाज के लिए आर्थिक तंगी में काटा परिणाम हमारे लोगों की दशा हर तरह से सुधरी| इसके बाद हमारे साहब कांशीराम जी ने क़ुरबानी दी, समाज के लिए शादी नहीं की घर नहीं बनाया परिणाम जो समाज अपने लिए इज्जत तक की उम्मीद नहीं कर सकता था उसे इस देश पर राज करने लायक बनाया|क़ुरबानी ही वो चीज़ है जिससे तरक्की होती है,क़ुरबानी तो देनी ही पड़ती है,खुद दोगे तो सबका फायदा, खुद नहीं दोगे तो जबरन दबंगी से ले ली जाएगी और तब फायेदा नहीं केवल कलंकित मौत ही मिलेगी|इसीलिए मैं अपने समाज को क़ुरबानी की अहमियत समझाने के लिए साहब कांशीराम जी के जन्मदिन १५-मार्च को क़ुरबानी दिवस के रूप में एक त्यौहार मानाने पर हमेशा जोर देता हूँ| हमें इस दिन अपने समाज के लिए अपना कुछ कुर्बान करना चाहिए जैसे समय,धन,विचारों का फैलाव,मूर्ती लगाना आदि अनेकों तरीके से क़ुरबानी दी जा सकती है|कुछ नहीं सूझे और किसी पर विश्वास न हो तो इतना तो कर ही सकते हो की कुछ रूपए खर्च कर के बाबा साहब की किताबे खरीद कर दूर दराज में बाँट तो सकते ही हो|क़ुरबानी दो आगे बढ़ो|
बहुजन राजनीती के पितामहा मान्यवर साहब कांशीराम जी के जन्मदिन १५ मार्च अर्थात क़ुरबानी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
बहुजन की भलाई के लिए भगवान बुद्धा का राजपाठ की क़ुरबानी|सम्राट अशोक ने धम्म विरोधियों की क़ुरबानी ली तब जाकर भारत की शुशाशन दिया स्वव बाबा साहब चाहते तो बहुत ऊँचे पद लेकर अपना जीवन शांति से बिता सकते थे पर उन्होंने सारा निजी जीवन समाज के लिए आर्थिक तंगी में काटा परिणाम हमारे लोगों की दशा हर तरह से सुधरी| इसके बाद हमारे साहब कांशीराम जी ने क़ुरबानी दी, समाज के लिए शादी नहीं की घर नहीं बनाया परिणाम जो समाज अपने लिए इज्जत तक की उम्मीद नहीं कर सकता था उसे इस देश पर राज करने लायक बनाया|क़ुरबानी ही वो चीज़ है जिससे तरक्की होती है,क़ुरबानी तो देनी ही पड़ती है,खुद दोगे तो सबका फायदा, खुद नहीं दोगे तो जबरन दबंगी से ले ली जाएगी और तब फायेदा नहीं केवल कलंकित मौत ही मिलेगी|इसीलिए मैं अपने समाज को क़ुरबानी की अहमियत समझाने के लिए साहब कांशीराम जी के जन्मदिन १५-मार्च को क़ुरबानी दिवस के रूप में एक त्यौहार मानाने पर हमेशा जोर देता हूँ| हमें इस दिन अपने समाज के लिए अपना कुछ कुर्बान करना चाहिए जैसे समय,धन,विचारों का फैलाव,मूर्ती लगाना आदि अनेकों तरीके से क़ुरबानी दी जा सकती है|कुछ नहीं सूझे और किसी पर विश्वास न हो तो इतना तो कर ही सकते हो की कुछ रूपए खर्च कर के बाबा साहब की किताबे खरीद कर दूर दराज में बाँट तो सकते ही हो|क़ुरबानी दो आगे बढ़ो|
बहुजन राजनीती के पितामहा मान्यवर साहब कांशीराम जी के जन्मदिन १५ मार्च अर्थात क़ुरबानी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
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