हम कैसे धार्मिक हैं – धर्म की आढ़ में अधर्म - Indian heroes

Post Top Ad

Thursday, 9 November 2017

हम कैसे धार्मिक हैं – धर्म की आढ़ में अधर्म

इस संसार में जितने भी महापुरुष रहे हैं कोई भी प्रशंसा का भूखा नहीं रहा। राम, कृष्ण, बुद्ध, ईसा,गुरूनानक, मोहम्मद, महावीर आदर के भूखे नहीं थें ,यश की कोई कामना नहीं थी। लेकिन महापुरुषों के पीछे चलने वाले के मन को क्यों गुदगुदी छुटती है ? क्यों ऐसा अच्छा लगता हैं कि कोई प्रशंसा करे ? बात क्या है ? बीमारी अनुयायी के भीतर मालूम होती है।
जब कोई अनुयायी (भक्त) जोर से चिल्लाता हैं बोल महावीर स्वामी की जय, राम की जय, कृष्ण की जय, तो असल में वह महापुरुष की जय नहीं बोल रहा हैं, वह अपनी जय बोल रहा हेै। मनुष्य की सोच रहती हैं कि मेरे भगवान जो हैं वे बहुत बढे भगवान हैं उनकी आढ में मनुष्य स्वयं को बडा मानने लगता हैं, नहीं तो आप ही सोचिये भगवान की जय से उसे क्या प्रयोजन (मतलब) ?
किसी की जय बोलने से किसी की जय सिद्ध होती है क्या ? अपने हृदय से जय हो जानी चाहिए कि मेरा जीवन उन्नत बनें मेरे भीतर वह प्रकट हो जो इनके जीवन में प्रकट हुआ है। जिसको मैं आदर दे रहा हूं जिस फूल की सुगंध की मैं बातें कर रहा हूं, मेरी जिंदगी में भी वह सुगंध हो। तो जय निकलती है। और नही तो थोते जय जयकार से प्रथ्वी पर बहुत शोरगुल मच चुका, उससे कोई परिणाम नहीं निकलता।

जीसस क्रिस्टस को मानने वाले जिसस क्रिस्टस की जय जयकार करते है। राम के मानने वाले राम की जय जयकार करते है, कृष्ण को मानने वाले कृष्ण की, गुरूनाननक को मनने वाले गुरूनानक की , और मोहम्मद को मानने वाले मोहम्मद की जय जयकार करते है। और जय जय कार में एक-दूसरे को हरा दे ऐसी कोशिश करते हैं कि हमारा जय जयकार दूसरे से बडा हो जाये।
हमारे भगवान की शोभायात्रा जुलूस दूसरे से बडा हो भले ही मार्ग का आवागमन बाधित हो जाये, भले ही डाॅक्टर कर्मचारी या मजदूर काम पर देरी से पहूंचे या कोई गंभीर मरीज अस्पताल पहूचंने से पहले ही राह में दम तोड दें ? मित्रों यह धर्म नहीं। धर्म का दिखावा और प्रतिस्पर्धा मात्र है।
जब कोई कहता हैं राम बहुत बडे हैं तो राम को मानने वाला भी बडा हो जाता हैं। वह सोचते हैं, मैं कोई छोटे को मानने वाला नही हूं बहुत बडे को मानने वाला हूं। जब कोई कहता हैं जिसस काइस्ट ईश्वर के पुत्र हैं तो जिसस क्राइस्ट को मानने वाला बडा हो जाता है। जब महावीर की प्रशंसा होती हैं तो महावीर को मानने वाला सिर हिलाने लगता है कि बडी अच्छी बातें कही जा रही है।

No comments:

Post Top Ad

Your Ad Spot