स्वादिष्ट और सुगन्धित दालचीनी का हम मसालों में हर दिन उपयोग करते हैं. यह श्रीलंका और दक्षिण भारत में ज्यादा मिलता है. यह एक पेड़ की छाल होती है. यह केवल मसाले के रूप में हीं नहीं उपयोगी है,
बल्कि यह पाचन, वातहर, स्तंभण, गर्भाशय उत्तेजक, गर्भाशय संकोचक एवं शरीर उत्तेजक है.
तो आइए जानते हैं कि दालचीनी के और क्या-क्या फायदे हैं
चाय या कॉफ़ी में दालचीनी डालकर पीने से चाय और कॉफ़ी का स्वाद बढ़ जाता है और जुकाम भी ठीक हो जाता है.
इसे मैक्सिको में चॉकलेट बनाने में भी प्रयोग किया जाता है.
दालचीनी का उपयोग मधुमेह में भी फायदेमंद है.
खाने में दालचीनी पाउडर का 1 चम्मच उपयोग खून में शर्करा के स्तर को कम करता है.
दालचीनी गर्म होती है, इसलिए ठण्ड के दिनों में इसके प्रयोग से सर्दी, खांसी जुखाम से राहत मिलती है.
जिन्हें जोड़ों के दर्द की समस्या हो, उन्हें हर दिन सुबह आधा चम्मच दालचीनी पाउडर को एक बड़े चम्मच शहद में मिला कर सेवन करने से बहुत जल्दी फायदा होता है.
यह पाचक रसों के स्त्राव को भी उत्तेजित करती है.
दांतों की समस्याओं को दूर करने में भी यह उपयोगी है.
कब्ज होने पर 1 ग्राम दालचीनी और 5 ग्राम छोटी हरड़ का चूर्ण मिला कर रात में लें.
दांत में कीड़ा लगने, या दर्द होने पर दालचीनी के तिेल में भीगी रूई का फाहा लगाने से आराम मिलता है.
दालचीनी को पानी में उबालकर शहद मिलाकर सुबह पीने से मोटापे से छुटकारा मिलता है.
हृदय रोगियों को चाहिये कि रोटी और ब्रेड पर शहद और दालचीनी लगाकर खाएं. हर दिन ऐसा करने से रक्तवाहिनियों में चर्बी नहीं जमती.
दो चम्मच शहद और दालचीनी का पाउडर गर्म पानी में मिलाकर पीने से कुछ ही समय में कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है. इस घोल को दिन में 2-3 बार पीजिये.
दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें कान में डालने से कम सुनाई देने की समस्या से छुटकारा मिलता है.
दालचीनी मैंगनीज का भंडार है. इससे स्मरण शक्ति बढ़ती है. इसलिये बच्चों , महिलाओं, मानसिक श्रम करने वालों को ब्रेड पर मक्खन या शहद के साथ आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर लगा कर सुबह शाम खाना चाहिए.
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