कविता - Indian heroes

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Saturday 31 December 2016

कविता


लोग दलितों की बात करते हैं
'शांत' अपनों की बात करते हैं।

मेरी तो साँस साँस गिरवी है
आप बनियों की बात करते हैं।

बादशाहत मिली ग़मों की जिन्हें
उनसे खुशियों की बात करते हैं।

हम हैं मजदूर किसलिए हमसे
सब्ज़-परियों की बात करते हैं।

हम में कुछ खूबियाँ भी हैं लेकिन
आप कमियों की बात करते हैं। ।

- देवकी नंदन 'शांत'

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