वे 10 बातें जो हम जापानियों से सीख सकते हैं - Indian heroes

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Sunday, 8 January 2017

वे 10 बातें जो हम जापानियों से सीख सकते हैं



1| शान्ति – सुनामी के बाद प्रसारित किसी भी वीडियो में छाती पीटते और पछाड़ें मारते जापानी नहीं दिखे| उनका दुःख कुछ कम न था पर जनहित के लिए उन्होंने उसे अपने चेहरे पर नहीं आने दिया|

2| गरिमा – पानी और राशन के लिए लोग अनुशासित कतारबद्ध खड़े रहे| किसी ने भी अनर्गल प्रलाप और अभद्रता नहीं की| जापानियों का धैर्य प्रशंसनीय है|

3| कौशल – छोटे मकान अपनी नींव से उखड़ गए और बड़े भवन लचक गए पर धराशायी नहीं हुए| यदि भवनों के निर्माण में कमियां होतीं तो और अधिक नुकसान हो सकता था|

4| निस्वार्थता – जनता ने केवल आवश्यक मात्रा में वस्तुएं खरीदीं या जुटाईं| इस तरह सभी को ज़रुरत का सामान मिल गया और कालाबाजारी नहीं हुई (जो कि वैसे भी नहीं होती)|

5| व्यवस्था – दुकानें नहीं लुटीं| सड़कों पर ओवरटेकिंग या जाम नहीं लगे| सभी ने एक-दूसरे की ज़रूरतें समझीं|

6| त्याग – विकिरण या मृत्यु के खतरे की परवाह किये बिना पचास कामगारों ने न्यूक्लियर रिएक्टर में भरे पानी को वापस समुद्र में पम्प किया| उनके स्वास्थ्य को होने वाली स्थाई क्षति की प्रतिपूर्ति कैसे होगी?

7| सहृदयता – भोजनालयों ने दाम घटा दिए| जिन ATM पर कोई पहरेदार नहीं था वे भी सुरक्षित रहे| जो संपन्न थे उन्होंने वंचितों के हितों का ध्यान रखा|

8| प्रशिक्षण – बच्चों से लेकर बूढों तक सभी जानते थे कि भूकंप व सुनामी के आने पर क्या करना है| उन्होंने वही किया भी|

9| मीडिया – मीडिया ने अपने प्रसारण में उल्लेखनीय संयम और नियंत्रण दिखाया| बेहूदगी से चिल्लाते रिपोर्टर नहीं दिखे| सिर्फ और सिर्फ पुष्ट खबरों को ही दिखाया गया| राजनीतिज्ञों ने नंबर बनाने और विरोधियों पर कीचड़ उछालने में अपना समय नष्ट नहीं किया|

10| अंतःकरण – एक शौपिंग सेंटर में बिजली गुल हो जाने पर सभी ग्राहकों ने सामान वापस शैल्फ में रख दिए और चुपचाप बाहर निकल गए|
11| राष्ट्र  की संपत्ति की रक्षा अपनी व्यक्तिगत संपत्ति की तरह ही करें: रेलगाड़ी की फटी होई सीट को एक जापानी सिल रहा था उसे देख किसी ने पुछा  “ये तो रेल विभाग का काम है आप क्यों कर रहे है ”  इसपर उसका जवाब था की “ये हमारा कर्त्तव्य है की राष्ट्र  की संपत्ति की रक्षा अपनी व्यक्तिगत संपत्ति से बढ़ कर करें, सयोंग से मेरे पास सुई धागा था तो मैंने अपनी सीट को सिल दिया  ”

12| राष्ट्र से बढ़कर कोई नहीं: बचन में हिंदी की किताब के एक पाठ में लिखा था की जब जापानी बच्चा पहले दिन स्कूल जाता है तो उसे तीन सवाल और जवाब याद कराये जाते हैं

१. सवाल-आप दुनिया में सबसे अच्छा किसे समझते हैं

    जवाब – भगवान बुद्ध को

२. सवाल-अगर आपके देश जापान पर कोई हमला कर दे तो क्या करेंगे

    जवाब:हम हमलावर को किसी भी स्तिथि में माफ़ नहीं करेंगे  न जीवित  छोड़ेंगे

३. सवाल-अगर स्वयं भगवान बुद्ध आपके देश पर आक्रमण कर देन तो क्या करोगे

    जवाब: हम भगवान बुद्ध का सर काट लेंगे

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