पुरोहितवादी,सवर्ण,धार्मिक बाबा जिस युग को भारत का स्वर्णिम युग कहते है
जब भारत सोने की चिड़िया था जब भारत विश्व गुरु था
वो केवल बौध काल ही था जव तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्व विधालय सर्व साधारण के लिए खुले |
वर्ना उससे पहले ब्राह्मणों ने सारी विद्या को संस्कृत में कोड करके
केवल अपनी कौम तक सीमित रक्खी थी, तो भारत विश्व गुरु कैसा बन सकता था, सोचिये जरा?
अशोक काल के स्वर्णिम युग की याद में आज भी हमारा राष्ट्रीय चिन्ह अशोक चिन्ह ही है
बौध धर्म अपनाओ और भारत को उन्नत और अखंड बनाओ,
विदेशी धर्म अपनाने से देश के टुकड़े होने का खतरा है
जब भारत सोने की चिड़िया था जब भारत विश्व गुरु था
वो केवल बौध काल ही था जव तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्व विधालय सर्व साधारण के लिए खुले |
वर्ना उससे पहले ब्राह्मणों ने सारी विद्या को संस्कृत में कोड करके
केवल अपनी कौम तक सीमित रक्खी थी, तो भारत विश्व गुरु कैसा बन सकता था, सोचिये जरा?
अशोक काल के स्वर्णिम युग की याद में आज भी हमारा राष्ट्रीय चिन्ह अशोक चिन्ह ही है
बौध धर्म अपनाओ और भारत को उन्नत और अखंड बनाओ,
विदेशी धर्म अपनाने से देश के टुकड़े होने का खतरा है
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