एक बार स्वामी विवेकानंद अमेरिका में भ्रमण कर रहे थे। अचानक, एक जगह से गुजरते हुए उन्होंने पुल पर खड़े कुछ लड़कों को नदी में तैर रहे अंडे के छिलकों पर बन्दूक से निशाना लगाते देखा। किसी भी लड़के का एक भी निशाना सही नहीं लग रहा था। तब उन्होंने ने एक लड़के से बन्दूक ली और खुद निशाना लगाने लगे। उन्होंने पहला निशाना लगाया और वो बिलकुल सही लगा, फिर एक के बाद एक उन्होंने कुल 12 निशाने लगाए। सभी बिलकुल सटीक लगे।
ये देख लड़के दंग रह गए और उनसे पुछा – स्वामी जी, भला आप ये कैसे कर लेते हैं ? आपने सारे निशाने बिलकुल सटीक कैसे लगा लिए? स्वामी विवेकनन्द जी बोले असंभव कुछ नहीं है, तुम जो भी कर रहे हो अपना पूरा दिमाग उसी एक काम में लगाओ। अगर तुम निशाना लगा रहे हो तो तम्हारा पूरा ध्यान सिर्फ अपने लक्ष्य पर होना चाहिए। तब तुम कभी चूकोगे नहीं। यदि तुम अपना पाठ पढ़ रहे हो तो सिर्फ पाठ के बारे में सोचो।
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