1. प्रेम ही जीवन का एकमात्र नियम है.
वह जो प्रेम करता है, जीवित रहता है और वह जो स्वार्थी है, मर रहा है. इसलिए प्रेम के लिए ही प्यार कीजिये, क्योंकि यह जीवन का नियम है. ठीक उसी तरह, जैसे आप जिन्दा रहने के लिए सांस लेते हैं.
2. जीवन सुंदर है: पहले, इस दुनिया में विश्वास करें.
विश्वास करें कि यहाँ जो कुछ भी है उसके पीछे कोई अर्थ छुपा हुआ है. दुनिया में सब कुछ अच्छा है, पवित्र है और सुंदर भी है. यदि आप, कुछ बुरा देखते हो तब इसका मतलब है आप इसे पूर्ण रूप से समझ नहीं पाएं हैं. आप अपने ऊपर का सारा बोझ उतार फेंके.
3. आप कैसा महसूस करतें हैं.
आप मसीह की तरह महसूस करें तो आप मसीह जैसा बनेंगें, आप बुद्ध की तरह महसूस करें तो आप बुद्ध जैसा बनेंगें. विचार ही जीवन है, यह शक्ति है और इसके बिना कोई बौद्धिक गतिविधि भगवान तक नहीं पहुँच सकती है.
4. अपने आप को मुक्त करें.
जिस क्षण मैं यह अहसास करता हूँ कि भगवान् हर मानव शरीर के अन्दर है, उस पल में जिस किसी भी मनुष्य के सामने खड़ा होता हूँ तो मैं उसमें भगवान् पाता हूँ, उस पल में मैं बंधन से मुक्त हो जाता हूँ और सारे बंधन अद्रश्य हो जातें हैं और मैं मुक्त हो जाता हूँ.
5. निंदा दोष का खेल मत खेलिए.
किसी पर भी आरोप प्रति आरोप न करें. आप किसी की मदद के लिए हाथ बड़ा सकतें हैं तो ऐसा अवश्य करें. और उन्हें अपने-अपने रास्ते पर चलने दें.
6. दूसरे की मदद करें.
यदि धन दूसरों के लिए अच्छा करने के लिए एक आदमी को मदद करता है, यह कुछ मूल्य का है, लेकिन अगर नहीं, तो यह केवल बुराई की जड़ है, और जितनी जल्दी इससे छुटकारा मिल जाए, उतना अच्छा है.
7. अपनी आत्मा को सुनो.
तुम अंदर से बाहर की ओर बढो. यह कोई तुम्हें सिखा नहीं सकता है, न ही कोई तुम्हें आध्यात्मिक बना सकता है. वहाँ कोई अन्य शिक्षक नहीं है, जो कुछ भी है आपकी खुद की आत्मा है.
8. कुछ भी असंभव नहीं है.
ये कभी भी मत सोचो कि आत्मा के लिए कुछ भी असंभव है. ऐसा सोचना सबसे बड़ा पाखण्ड है. यदि कोई पाप है, तो केवल यही पाप है- कि तुम कहते हो, तुम कमजोर हो या दूसरें कमजोर हैं.
9. तुम में शक्ति है.
ब्रह्मांड में सभी शक्तियां पहले से ही हमारी हैं. यह हम हैं जो अपनी आंखों को हाथों से ढँक लेतें हैं और बोलतें हैं कि यहाँ अँधेरा है.
10. सच्चे रहो.
सब कुछ सच के लिए बलिदान किया जा सकता है, लेकिन सत्य, सब कुछ के लिए बलिदान नहीं किया जा सकता है.
11. अलग सोचो.
दुनिया में सारे मतभेद उनको विभिन्न नज़रिए से देखने की वज़ह से हैं, कहने का अर्थ हमें अपनी अनुभूतियों के कारण सब कुछ अलग-अलग दिखता है परन्तु सच में सारा कुछ एक में ही समाया हुआ है.
वह जो प्रेम करता है, जीवित रहता है और वह जो स्वार्थी है, मर रहा है. इसलिए प्रेम के लिए ही प्यार कीजिये, क्योंकि यह जीवन का नियम है. ठीक उसी तरह, जैसे आप जिन्दा रहने के लिए सांस लेते हैं.
2. जीवन सुंदर है: पहले, इस दुनिया में विश्वास करें.
विश्वास करें कि यहाँ जो कुछ भी है उसके पीछे कोई अर्थ छुपा हुआ है. दुनिया में सब कुछ अच्छा है, पवित्र है और सुंदर भी है. यदि आप, कुछ बुरा देखते हो तब इसका मतलब है आप इसे पूर्ण रूप से समझ नहीं पाएं हैं. आप अपने ऊपर का सारा बोझ उतार फेंके.
3. आप कैसा महसूस करतें हैं.
आप मसीह की तरह महसूस करें तो आप मसीह जैसा बनेंगें, आप बुद्ध की तरह महसूस करें तो आप बुद्ध जैसा बनेंगें. विचार ही जीवन है, यह शक्ति है और इसके बिना कोई बौद्धिक गतिविधि भगवान तक नहीं पहुँच सकती है.
4. अपने आप को मुक्त करें.
जिस क्षण मैं यह अहसास करता हूँ कि भगवान् हर मानव शरीर के अन्दर है, उस पल में जिस किसी भी मनुष्य के सामने खड़ा होता हूँ तो मैं उसमें भगवान् पाता हूँ, उस पल में मैं बंधन से मुक्त हो जाता हूँ और सारे बंधन अद्रश्य हो जातें हैं और मैं मुक्त हो जाता हूँ.
5. निंदा दोष का खेल मत खेलिए.
किसी पर भी आरोप प्रति आरोप न करें. आप किसी की मदद के लिए हाथ बड़ा सकतें हैं तो ऐसा अवश्य करें. और उन्हें अपने-अपने रास्ते पर चलने दें.
6. दूसरे की मदद करें.
यदि धन दूसरों के लिए अच्छा करने के लिए एक आदमी को मदद करता है, यह कुछ मूल्य का है, लेकिन अगर नहीं, तो यह केवल बुराई की जड़ है, और जितनी जल्दी इससे छुटकारा मिल जाए, उतना अच्छा है.
7. अपनी आत्मा को सुनो.
तुम अंदर से बाहर की ओर बढो. यह कोई तुम्हें सिखा नहीं सकता है, न ही कोई तुम्हें आध्यात्मिक बना सकता है. वहाँ कोई अन्य शिक्षक नहीं है, जो कुछ भी है आपकी खुद की आत्मा है.
8. कुछ भी असंभव नहीं है.
ये कभी भी मत सोचो कि आत्मा के लिए कुछ भी असंभव है. ऐसा सोचना सबसे बड़ा पाखण्ड है. यदि कोई पाप है, तो केवल यही पाप है- कि तुम कहते हो, तुम कमजोर हो या दूसरें कमजोर हैं.
9. तुम में शक्ति है.
ब्रह्मांड में सभी शक्तियां पहले से ही हमारी हैं. यह हम हैं जो अपनी आंखों को हाथों से ढँक लेतें हैं और बोलतें हैं कि यहाँ अँधेरा है.
10. सच्चे रहो.
सब कुछ सच के लिए बलिदान किया जा सकता है, लेकिन सत्य, सब कुछ के लिए बलिदान नहीं किया जा सकता है.
11. अलग सोचो.
दुनिया में सारे मतभेद उनको विभिन्न नज़रिए से देखने की वज़ह से हैं, कहने का अर्थ हमें अपनी अनुभूतियों के कारण सब कुछ अलग-अलग दिखता है परन्तु सच में सारा कुछ एक में ही समाया हुआ है.
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