देश में एकता कैसे लाये – Hindi story for kids by vinoba bhave - Indian heroes

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Friday, 10 November 2017

देश में एकता कैसे लाये – Hindi story for kids by vinoba bhave

आचार्य विनोबा भावे को एक बार किसी विद्यालय में व्याख्यान देने के लिए बुलाया गया | विनोबाजी का मानना था की छात्रों को सही दिशा दी जाए तो देश का विकास भी उचित दिशा में होता हैं |
वे खुश होकर उस विद्यालय में गए और छात्रों को अत्यंत प्रेरक अद्बोधन दिया | छात्र विनोबाजी को सुनकर काफी प्रभावित हुए | जब उनका व्याख्यान समाप्त हुआ तो कुछ उनसे मिलने आए |
सहज बात-चित के दौरान विनोबाजी ने छात्रों को कागज़ के कुछ टुकड़े देकर कहा इन टुकड़ों से आप लोग भारत का का नक्शा बनाएं | बहुत दिमागी कसरत के बाद भी छात्र भारत का नक्शा नहीं बना सकें |
एक युवक वहीँ बैठा यह सब देख रहा रहा था | वह उठकर विनोबाजी के पास आया और बोला में भारत का नक्शा बना सकता हूँ | विनोबाजी की अनुमति मिलने पर युवक ने उन टुकड़ों को जोड़कर भारत का नक्शा बना दिया |
विनोबाजी ने पुछा-तुमने इतनी जल्दी इन टुकड़ों को कैसे जोड़ा | युवक बोला-कागज़ के इन टुकड़ों में एक और भारत का नक्शा बना हुआ है जबकि दूसरी और आदमी का चित्र है | जब मैंने आदमी के चित्र वाले कागज़ के टुकड़ों को जोड़ा तो भारत का नक्शा स्वत: बन गया |
तब विनोबाजी ने कहा यदि हमें देश में एकता लानी है तो पहले देशवासियों को एक करना होगा | जब देश-वासी एक हो जायेंगे तो देश स्वत: एक हो जायेगा | सच ही है की एकता में बड़ा बल है |
यदि हम विभिन्न धर्म, संप्रदाय या वर्ग में विभक्त न हों और एक दुसरे को देशबन्धु के रूप में देखें तो हमारा राष्ट्र उन्नति के शीर्ष सोपान पर खड़ा होगा और एक महाशक्ति के रूप में स्थापित होगा |

साथ ही हमें इस कागज़ के टुकड़े के उदाहरण को भी ठीक से समझ लेना चाहिए | यानि सभी के एक होने से एकता होती हैं सिर्फ बातें बनाने से नहीं, आपने देखा होगा एकता की बातें तो हर कोई करता हैं, लेकिन बड़ी निराशा की बात हैं की वो अपने परिवार में भी एकता से नहीं रह पाते हैं | उस युवक में काफी बुध्दि रही होगी जिसने विनोबा जी की पहेली इतने अच्छे से हल कर दिखाई |

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