कड़वा नीम मीठे गुणों से भरपूर होता है. नीम की पत्तियाँ, नीम का बीज, नीम का तेल और नीम का छाल…. नीम के पेड़ का हर भाग हमारे लिए उपयोगी है. इस लेख में हम नीम के फायदे और उपयोग के बारे में जानेंगे. हम यह भी जानेंगे कि इसका उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है. हम नीम से जुड़ी ढेर सारी छोटी-बड़ी बातें जानेंगे.
नीम के फायदे और उपयोग :
नीम का तेल मसूड़े की सूजन और दांतों की सड़न दूर करने में मदद करता है. यह दांत दर्द, दांत का कैंसर,
दांत के सड़न आदि में भी फायदा पहुंचाता है.
अगर आपको रुसी, लीखें, या जुएं की समस्या हो तो नीम का तेल नियमित सिर में लगाने से इन सब
समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी.
नीम के बीज से बने तेल को लगाने से झुर्रियाँ कम होती है.
नीम के पत्तों का रस चेहरे पर लगाने से मुहांसे खत्म हो जाते हैं.
1/2 चम्मच नीम का तेल दूध में मिलाकर सुबह-शाम को पीने से स्त्रियों को होने वाला रक्तप्रदर और भी
अन्य प्रकार के प्रदर खत्म हो जाते हैं.
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नीम के बीज का तेल त्वचा को नर्म, चिकना और चमकदार बनाता है. यह त्वचा को दाग धब्बों
से मुक्त करता है.
नीम के बीज का तेल सोरेसिस, एक्जिमा, मुहांसे आदि में लाभदायक है.
नीम की पत्तियों का रस पीने से खून साफ होता है.
नहाते समय नीम की ताजी पत्तियों को पानी में डालकर नहाना भी त्वचा के लिए अच्छा रहता है.
नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर, पीसकर पेस्ट बना लीजिए, अब पेस्ट में शहद मिलाकर बालों
में लगाने से रूसी खत्म हो जाती है और बाल मुलायम और चमकीले हो जाते हैं.
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जलने की वजह से होने वाले जख्म पर नीम का तेल लगाने से जख्म ठीक हो जाता है.
नीम का तेल पालतू जानवरों को कीटाणुओं से संक्रमित होने से बचाता है.
नीम के बीजों और पत्तों से बनी चाय किडनी, मूत्राशय और प्रोस्टेट से जुड़ी बीमारियों में असरदार है.
सुबह के वक्त नीम का जूस पीने से डायबिटीज कण्ट्रोल में रहता है. नीम की छाल और मेथी के चूर्ण
को मिलाकर काढ़ा बनाकर कुछ दिन तक पीने से डायबिटीज में फायदा पहुंचता है.
नीम के पत्तों का जूस और एलोवेरा जूस के साथ मिलाकर रोजाना खाली पेट पीने से शुगर नियंत्रित होता है.
नीम के पत्तों का महीने में 10 दिन सेवन करने से हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है.
अगर आपके पैरों में फंगल इन्फेक्शन की समस्या हो तो, नीम के तेल में थोड़ा सा नारियल का तेल
मिलाकर प्रभावित हिस्से में लगाएँ.
नीम की पत्ती के साथ शहद को मिलाकर सेवन करने से पीलिया रोग कम हो जाता है.
नीम मलेरिया को नियंत्रित करके बढ़ने से रोकता है.
चिकन पॉक्स के दाग को खत्म करने के लिए नीम के रस को प्रभावित हिस्से में लगाना चाहिए.
नीम तेल से युक्त शैंपू बालों को सुंदर बनाता है, बालों को झड़ने और समय से पहले बालों के सफ़ेद होने से रोकता है.
गर्भावस्था को रोकने के लिए नीम के तेल का उपयोग लुब्रीकेंट के रूप में किया जाता है.
अगर आप सन्तान प्राप्ति की योजना बना रहे हैं तो आपको नीम का उपयोग नहीं करना चाहिए.
मसूड़ों से खून आना, या पायरिया होने पर नीम की छाल या पत्तों को पानी में डालकर कुल्ला करने से लाभ होता है.
नीम का रस पीने से त्वचा के भीतर की गंदगी दूर हो जाती है.
Neem के रस से युक्त ऑय ड्राप आँखों के लिए फायदेमंद होता है.
नीम मिटटी को उपजाऊ बनाए रखता है.
नीम के बीज का तेल घर में कीटाणुओं को दूर रखता है.
नीम के बीज को पीसकर रात भर पानी में भिंगाकर रखने और सुबह इस पानी को फसलों पर छिड़कने
से फसल में लगे हुए कीटाणु मर जाते हैं. सबसे बड़ी बात इसका फसलों या मिट्टी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है.
अगर आपको पेट में कीड़ों की समस्या हो, तो नीम के पत्तों के रस में शहद और काली मिर्च मिला कर लीजिए यह फायदा पहुँचायेगा.
नीम के फूलों को मसलकर गर्म पानी में डाल कर छान कर पीने से कब्ज दूर होता है.
नीम की पत्तियों को सुखाकर चीनी मिलाकर खाने से दस्त कम हो जाता है.
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