युद्ध नहीं अब बुद्ध चहिए मानव का मन शुद्ध चाहिए ॥ सत्य, अहिंसा, विश्व बंधुता, करुणा, मैत्री का हो प्रसार। पंचशील अष्टांग मार्ग का पुनः ...
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Monday, 9 January 2017
Wednesday, 4 January 2017
मुक्ति-संग्राम अभी जारी है / कंवल भारती
मैं उस अतीत को अपने बहुत क़रीब पाता हूँ जिसे जिया था तुमने अपने दृढ-संकल्प और संघर्ष से। परिवर्तित किया था समय-चक्र को इस वर्तमान मे...
Saturday, 31 December 2016
Sunday, 25 December 2016
कोइ पुछे जिंदगीमे -- कविता
अगर कोइ पुछे जिंदगी मे क्या खोया और क्या पाया तो बेशक कहना जो कुछ खोया वो मेरी नादानी थी और जो भी पाया वो डो. बी आर आम्बेडकर ...
Friday, 23 December 2016
एक वो भीम थे -- कविता
Kar gujar gaye wo bhim the! Duniya ko jagane wale bhim the!! Hamne to sirf itihas ...