भीमराव अंबेडकर द्वारा लेबर पार्टी की स्थापना - Indian heroes

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Sunday, 18 December 2016

भीमराव अंबेडकर द्वारा लेबर पार्टी की स्थापना


              स्वतंत्रता का रहस्य है साहस और साहसी व्यक्तियों द्धारा एक दल  में जुड़ जाने से पैदा होता है । 1936  मे बाबा साहेब ने  आजाद मजदूर  पार्टी का गठन किया । इस पार्टी के तहत  बाबा  साहब ने  बम्बई प्रदेश  विधानसभा  के चुनावों में उम्मीदवार खड़े  किए, और इसमें 17 सीटें जीती | इस प्रकार उन्होंने  काग्रेस  को करारा  झटका दिया। उन्होंने इस पार्टी  के तहत दलित वर्गो के  साथ-साथ किसान व मजदुर वर्गो का भी पूरा-पूरा ख्याल रखा ।बेगार और भूमि दासता पर बाबा साहब ने तीव्र हमले किए।किसानों की माँगे मनवाने व भूमि सुधार के लिए  डॉ. अंबेडकर ने जम  कर संघर्ष  किया । बाबा साहब ने बम्बई विधानसभा  में अपना विचार  रखा कि मुज़रौ को, जिन जमीनों  पर वे खेती  करते है  मालिकों  के अधिकार दिए जाए । बाबा  साहब किसानों  और मजदूरों के  एक शक्तिशाली नेता बनकर सामने आए । उन्होंने मजदूरों  का आह्वान किया कि वे बिना  किसी  जाति-पति  के  भेद के एक  सशक्त  संगठन  का निर्माण करें|उन्होंने मजदूर वर्ग के दो शत्रु बताए- (1) ब्राह्माण वाद व (2) पूंजीवाद । उन्होंने  विधानसभा  को  इन  तथ्यों  से अवगत  कराया  कि अछूत वर्ग के  मजदूरों  को बुनाई  विभाग (फायदे का विभाग) में  नहीं लिया जाता। रेलवे मे भी वे केवल गेंगमैंन  ही हैं। उन्होंने इस भेदभाव  वाली व्यवस्था के खिलाफ जोरदार आवाज  उठाई । उन्हों ने हड़ताल  विरोधी बिल  का विरोध  करते हुए कहा  कि यदि  स्वतंत्रता  का अधिकार  एक दैवी  अधिकार  हे , तो  हड़ताल  का अधिकार  भी एक पवित्र अधिकार है । हड़ताल  को  दंडित करना  मजदूरों  को गुलामी की अवस्था में धकेलना है।

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