भीमराव अंबेडकर और साइमन कमीशन - Indian heroes

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Saturday 24 December 2016

भीमराव अंबेडकर और साइमन कमीशन





1928-29 से प्रशासनिक सुधारो का अध्ययन करने इंग्लेंड से सात अंग्रेज सदस्यों का एक आयोग भारत आया । सर जॉन साइमन इसके अध्यक्ष थे, अत: इसे साइमन कमीशन कहा गया ।

डाँ. आंबेडकर दलितों के उत्थान के लिए हमेशा चिंतित रहते व दलितों के अधिकारों की मांग उठाने का कोई भी अवसर हाथ से जाने नहीँ देते थे । दलितों की सामाजिक व आर्थिक बदहाली का ब्योरा कमीशन के सामने रखा। दलितों पर ढाए जा रहे अत्याचारों की घटनाओ के ठोस उदाहरण भी दिए । उन्होंने कमीशन को स्मरण पत्र पेश किया, जिसमे दलितों के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्र, प्रत्येक व्यस्क को वोट डालने का अधिकार, बम्बई विधान परिषद की 180 में से 22 सीटें अछूत वर्ग के लोगों के लिए व साथ ही मंत्रीमंडल में भी अनिवार्य रूप से शामिल किए जाने की मांग को बहुत ही जोरदार ढंग से उठाया । इन माँगो के अतिरिक्त उन्होंने यह माँग भी पेश की कि भारत के आगामी विधान में दलित लोगों के लिए शिक्षा प्राप्ति के लिए सुविधाए उपलब्ध करवाई जाएं और अछूतों को अन्य सरकारी नौकरियों के साथ-साथ सेना औंर पुलिस में भी भर्ती किया जाए।

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