बुद्ध का तर्क
एक बार बुद्ध से मलुक्यपुत्र ने पूछा, भगवन आपने आज तक यह नहीं बताया कि मृत्यु के उपरान्त क्या होता है? उसकी बात सुनकर बुद्ध मुस्कुराये, फिर उन्होंने उससे पूछा, पहले मेरी एक बात का जबाव दो | अगर कोई व्यक्ति कहीं जा रहा हो और अचानक कहीं से आकर उसके शरीर में एक विषबुझा बाण घुस जाये तो उसे क्या करना चाहिए ? पहले शरीर में घुसे बाण को हटाना ठीक रहेगा या फिर देखना कि बाण किधर से आया है और किसे लक्ष्य कर मारा गया है ! मलुक्यपुत्र ने कहा, पहले तो शरीर में घुसे बाण को तुरंत निकालना चाहिए,अन्यथा विष पूरे शरीर में फ़ैल जायेगा | बुद्ध ने कहा, बिल्कुल ठीक कहा तुमने, अब यह बताओ कि पहले इस जीवन के दुखों के निवारण का उपाय किया जाये या मृत्यु की बाद की बातों के बारे में सोचा जाये ………मलुक्यपुत्र अब समझ चुका था और उसकी जिज्ञासा शांत हो गई|
एक बार बुद्ध से मलुक्यपुत्र ने पूछा, भगवन आपने आज तक यह नहीं बताया कि मृत्यु के उपरान्त क्या होता है? उसकी बात सुनकर बुद्ध मुस्कुराये, फिर उन्होंने उससे पूछा, पहले मेरी एक बात का जबाव दो | अगर कोई व्यक्ति कहीं जा रहा हो और अचानक कहीं से आकर उसके शरीर में एक विषबुझा बाण घुस जाये तो उसे क्या करना चाहिए ? पहले शरीर में घुसे बाण को हटाना ठीक रहेगा या फिर देखना कि बाण किधर से आया है और किसे लक्ष्य कर मारा गया है ! मलुक्यपुत्र ने कहा, पहले तो शरीर में घुसे बाण को तुरंत निकालना चाहिए,अन्यथा विष पूरे शरीर में फ़ैल जायेगा | बुद्ध ने कहा, बिल्कुल ठीक कहा तुमने, अब यह बताओ कि पहले इस जीवन के दुखों के निवारण का उपाय किया जाये या मृत्यु की बाद की बातों के बारे में सोचा जाये ………मलुक्यपुत्र अब समझ चुका था और उसकी जिज्ञासा शांत हो गई|
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