Tisri golmej sammelan ki kuchh rochak baaten - Indian heroes

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Saturday, 17 December 2016

Tisri golmej sammelan ki kuchh rochak baaten

                तीसरा और अंतिम सत्र १७ नवम्बर १९३२ को प्रारम्भ हुआ। मात्र ४६ प्रतिनिधियों ने इस सम्मलेन में भाग लिया क्योंकि अधिकतर मुख्य भारतीय राजनीतिक  प्रमुख  इस सम्मलेन में मौजूद नहीं थे। ब्रिटेन  की लेबर पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस सत्र में भाग  लेने से  इनकार   कर दिया।

                इस सम्मेलन में एक कॉलेज छात्र चौधरी रहमत अली ने विभाजित भारत के मुस्लिम भाग कानाम"पाकिस्तान"  (जिसका अर्थ है "पवित्र भूमि") रखा।  उसने पंजाब का 'पी' पंजाब, अफगान  से 'ए', कश्मीर  से 'कि', सिंध से "स"  और बलूचिस्तान से "तान" लेकर  यह शब्द बनाया। जिन्ना ने  इस सम्मेलन में हिस्सा नही लिया। सितंबर, १९३१ से मार्च, १९३३ तक, सैमुअल होअरे के पर्यवेक्षण में, प्रस्तावित सुधारों को लेकर प्रपत्र बनाया गया; जिसके आधार पर भारत सरकार का १९३५ का अधिनियम बना।  

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